गाँधीवादी

निदेशक सिद्धांतों में निहित गाँधीवादी सिद्धांत तथा उसे लागू करने के लिए सरकार के प्रयासों की समीक्षा

गाँधीवादी सिद्धांतों का निदेशक तत्वों में महत्त्व –

भारतीय संविधान के भाग 4 के अंतर्गत निदेशक सिद्धांत में जगह जगह गाँधीवादी धारणाओं को स्थान दिया गया है | उदहारण के तौर पर आर्टिकल 40 में ग्राम पंचायतों का गठन अनुच्छेद 43 में कुटीर उद्योगों का विकास अनुच्छेद 47 में मद्य पेयों पर प्रतिबन्ध तथा अनुच्छेद 48 में पशुबल पर प्रतिबंन्ध को शामिल किया जा सकता है | गाँधी जी पर्यावरण संरक्षण व अंतराष्ट्रीय शांति के भी समर्थक थे जिसे क्रमश: अनुच्छेद 48 तथा अनुच्छेद 51 में स्थान दिया गया है |

 भारत सरकार ने अपने प्रयासों के माध्यम से उपरोक्त में से ज्यादातर गांधीवादी सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप प्रदान कर दिया है | पंडित नेहरू के काल में बलवंत राय मेहता समिति के प्रतिवेदन के आधार पर  02 अक्टूबर 1959 से पंचायत प्रणाली लागू की गयी , जिसे 73वें संविधान संसोधन से संवैधानिक दर्जा दिया जा चूका है | इस परिवर्तन से पंचायत को बेहतर अधिकार व संशाधन प्राप्त हो गये हैं और आज ग्रामीण विकास के अनेक कार्य पंचायतों के माध्यम से हो रहे हैं |

  भारत सरकार ने अपनी आर्थिक नीतियों के तहत आरम्भ में लघु व कुटीर उद्योगों को विशेष संरक्षण प्रधान किया गया तथा इस सन्दर्भ में अनेक संस्थाओं की स्थापना की | उदारीकरण व वैश्वीकरण की नीतियों के तहत लघु व कुटीर उद्योगों की स्थिति व भविष्य संतोषजनक नहीं है | इसके लिए आरक्षित उत्पादों की सूची छोटी की जा रही है तथा इसमें निवेश की सीमा बढाई जा रही है जिससे कि यहाँ बड़े निवेशकों को जगह दिया जा सके , परिणामस्वरुप लघु व कुटीर उद्योग, जो कि देश के आम आदमी को काम और रोटी प्रदान करते थे, आज अपने उद्देश्यों को पूरा करने में असफल हो रहे हैं |

    जहाँ तक मद्य निषेध का प्रश्न है , इस दिशा में राज्य सरकारों ने प्रयास किये हैं जैसे गुजरात और बिहार राज्य परन्तु अन्य राज्यों से आने वाली पूर्ति,अवैध निर्माण व बिकवाली के कारण इस उद्देश्य पूरा करने में निष्फल रहे हैं | इसीलिए ज्यादातर सरकारों ने मद्य पेयों पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद शीघ्र ही इसे हटा भी लिया |

  भारत में पशुओ को मारने पर पूरी तरह प्रतिबन्ध नहीं है परन्तु स्लाटर एक्ट के तहत दुधारू पशुओं के वध पर प्रतिबन्ध है तथा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत जंगली जानवरों को मारने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है | साथ ही पर्यावरण संरक्षण के अनेक प्रयास सरकार द्वारा किये जा रहे हैं तथा अनुच्छेद 51 में वर्णित निर्देशों को भारतीय विदेश नीति में स्थान दिया जा रहा है | इस तरह गाँधीवादी सिद्धांतो को भारत सरकार ने यथासंभव व्यवहारिक रूप देने की कोशिश की है |  

आप हमे फेसबुक के THE GKJANKARI पेज पर फॉलो कर सकते हैं | twitter – GKJANKARI

अन्य gkjanari पढ़े.

आम बजट budget 2021-22 और बजट से जुड़े FACTS

इंडिया गेट(India Gate) -20 FACTS

भारतीय मानसून की प्रकृति एवं विशेषताएँ

CollabCAD क्या है ?

नैनोटेक्नोलॉजी(Nanotechnology) क्या है

Kochi – Mangaluru Natural Gas Pipeline

मिजोरम : जिले से राज्य बनने तक का सफर

Related Posts

2 thoughts on “निदेशक सिद्धांतों में निहित गाँधीवादी सिद्धांत तथा उसे लागू करने के लिए सरकार के प्रयासों की समीक्षा

  1. What’s Going down I’m new to this, I stumbled upon this I
    have found
    It absolutely helpful and it has helped me
    out loads. I hope to contribute different customers like its helped
    me. Great job.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
HAPPY BIRTHDAY प्रियदर्शिनी GK FACT – National Unity Day क्यों मनाया जाता है ऋषि सुनक का जीवन परिचय सूर्य ग्रहण क्यों होता है Abdul Kalam Quotes