lok sabha adhyaksh

लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां lok sabha adhyaksh ke karya in hind

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लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां
lok sabha adhyaksh ke karya

• लोकसभा अध्यक्ष : भूमिका


लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा का पीठासीन अधिकारी होता है। लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका का महत्व तब और बढ़ जाता है जब अलग-अलग दलों के सांसदों के बीच उसे दलगत राजनीति से उठकर एक आदर्श लोकतंत्र का समन्वयन एवं संचालन करना पड़ता है।

इन्हीं लोकतांत्रिक नैतिक जिम्मेदारियों के निर्वहन के कारण लोकसभा अध्यक्ष को ‘संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं का वास्तविक संरक्षक’ माना जाता है। संसद के निम्न सदन में लोकतंत्र के मूल्य एवं आदर्शों का सामंजस्य बना रहे, इस कारण लोकसभा अध्यक्ष को ‘निम्न सदन का सभापति’ एवं ‘अधिष्ठाता’ भी कहा जाता है।

गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष को पद सूची के वरीयता क्रम में छठा स्थान प्राप्त है, क्योंकि कि वह सिर्फ पार्टी का नहीं समूचे सदन का प्रतिनिधित्व करता है।

आज के इस आर्टिकल में लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियों का वर्णन किया गया है। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव कौन करता है? लोकसभा अध्यक्ष के अधिकार, लोकसभा अध्यक्ष का वेतन एवं पेंशन, लोकसभा महासचिव, प्रोटेम स्पीकर एवं लोकसभा उपाध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियों का भी समूल वर्णन है।

• लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की पृष्ठभूमि


संविधान का अनुच्छेद 93 से लेकर 97 तक का अनुबंध, लोकसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के बारे में उपबंधित करता है। एक संवैधानिक पद है जिसका विवरण संविधान को लागू करते समय वर्णित किया गया था।

सर्वप्रथम भारत में लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का सृजन वर्ष 1921 में भारत सरकार अधिनियम 1919 के प्रावधानों के उपरांत किया गया था। उस समय लोकसभा अध्यक्ष को ‘प्रेसिडेंट’ और लोकसभा उपाध्यक्ष को ‘डिप्टी प्रेसिडेंट’ कहा जाता था।

देश आजाद होने के उपरांत वर्ष 1947 के बाद भारत सरकार अधिनियम 1935 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रेसिडेंट और डिप्टी प्रेसिडेंट को क्रमशः लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में नामकरण कर दिया गया। तब से आज तक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के नाम से जाना जाता है।

• लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का शपथ
lok sabha adhyaksh ko shapath kaun dilata hai


चूँकि लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, लोकसभा का ही निर्वाचित सदस्य होता है इसलिए लोकसभा अध्यक्ष- उपाध्यक्ष का अलग से शपथ का कहीं वर्णन नहीं है। इनका शपथ सांसद अथवा लोकसभा के सदस्य के रूप में ही किया जाता है।

लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद संबंधित पार्टी का अपने प्रथम बैठक में ही अपने सांसदों अथवा निर्वाचित हुए सदस्यों में से ही एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का चुनाव कर लिया जाता है। ध्यातव्य है कि लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का धारण करने के लिए एक निर्वाचित सांसद का होना जरूरी है। संसद की सदस्यता खत्म होते ही उन्हें अपने पद को रिक्त करना होता है।

• लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष : योग्यता
lok sabha adhyaksh ki yogyata


लोकसभा अध्यक्ष बनने के लिए उक्त सांसद को पहले लोकसभा अध्यक्ष बनने की स्वैच्छिक स्वीकृति देनी होती है कि वे लोकसभा अध्यक्ष का कार्यभार एवं दायित्व संभालने को तैयार हैं। जिसके उपरांत अध्यक्ष का निर्वाचन लोकसभा सदस्यों के माध्यम से लोक सभा में उपस्थित तथा मतदान करने वाले सदस्यों के ‘साधारण बहुमत’ द्वारा संपूर्ण किया जाता है।

गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन हेतु ना तो दो तिहाई बहुमत का प्रावधान है और ना ही कोई विशेष योग्यता निर्धारित की गई है।

• लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का त्याग
lok sabha adhyaksh tyagpatra kise deta hai



लोकसभा अध्यक्ष अपना त्यागपत्र लोकसभा उपाध्यक्ष को देता है तथा लोकसभा उपाध्यक्ष अपना त्यागपत्र लोकसभा अध्यक्ष को देता है।
संविधान के अनुच्छेद-95 में यह वर्णित है कि जब निम्न सदन में लोकसभा अध्यक्ष का पद रिक्त या अध्यक्ष अनुपस्थित हो लोकसभा उपाध्यक्ष जाना का दायित्व है कि वह लोकसभा की सदन की अध्यक्षता एवं संचालन करें।

फिर भी अगर लोकसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ही पद रिक्त हो तो राष्ट्रपति ऐसे सदस्य को अध्यक्ष नियुक्त कर सकता है जो उसके नजर में उस पद के लिए उपयुक्त हो। गौरतलब है कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के जगह अपने ही सदस्यों के बीच से किसी एक सदस्य को, अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित कर लिया जाता है।

• लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का कार्यकाल
lok sabha adhyaksh ka karyakal


लोकसभा अध्यक्ष का पद एक संवैधानिक एवं महत्वपूर्ण पद है। अतः लोकसभा अध्यक्ष को पद से पदच्युत करने के लिए लोकसभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से संकल्प पारित करना होता है। इसके लिए उसे 14 दिन पूर्व इस प्रस्तावित संकल्प की सूचना देना अनिवार्य भी होता है।

जब लोकसभा में अध्यक्ष को,अध्यक्ष पद से हटाने का संकल्प सदन में विचाराधीन हो तो अनुच्छेद 69 के तहत लोकसभा अध्यक्ष को अपने निर्णायक मत (Casting Vote) देने का कोई अधिकार नहीं है। उसे सिर्फ सदन की कार्यवाही में भाग लेने, बोलने और एक बार मतदान करने का अधिकार है, निर्णायक मत देने का नहीं।

लोकसभा अध्यक्ष अपने पद पर सामान्यतः 5 वर्ष के लिए बना रहता है क्योंकि वह सांसद के तौर पर 5 वर्ष के लिए ही निर्वाचित होता है। किंतु जब कभी भी लोकसभा का गठन होता है या लोकसभा भंग होता है, तो उक्त तिथि के भंग या विघटन होने के बाद से आगामी होने वाले लोकसभा के प्रथम अधिवेशन के ठीक पहले तक उसे अध्यक्ष पद पर बने रहने और उसका दायित्व निर्वहन करने का अधिकार प्राप्त है। वह नए लोकसभा अध्यक्ष के बनने के पूर्व तक लोकतंत्र के सर्वोच्च अधिकारी के रूप में कार्य करते रहता है।

• लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का वेतन भत्ता
lok sabha adhyaksh salary


लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का वेतन भत्ता और पेंशन संसद के विधि द्वारा विनियमित है जिसे संसद के किसी भी सदन द्वारा उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति का वेतन एक समान होता है जो कि भारत की संचित निधि से भारित होता है। वर्तमान में लोकसभा अध्यक्ष का वेतन 4 लाख प्रतिमाह है।

यह ज्ञात रहे कि उपराष्ट्रपति अपना वेतन राज्यसभा के सभापति के रूप में प्राप्त करता है ना कि उपराष्ट्रपति के रूप में। लोकसभा अध्यक्ष को राज्यसभा का सभापति के समान वेतन के साथ-साथ उसे कैबिनेट मंत्री की तरह हर सुविधा भी प्राप्त होती है।

• लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां
lok sabha ke adhyaksh ki shaktiyan


लोकसभा अध्यक्ष का प्राथमिक कार्य सदन की कार्यवाही एवं संचालन के लिए नियम और विधि का निर्वहन करना है।

लोकसभा अध्यक्ष सदन में शांति व्यवस्था और सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए, उत्तरदायी है। उसे कदाचार व सदन की बैठकों में अवरोध उत्पन्न करने वाले सांसदों को निष्कासन के साथ-साथ उनका निलंबन करने का भी अधिकार प्राप्त है।

लोकसभा अध्यक्ष न सिर्फ दलबदल की अयोग्यता संबंधी प्रावधानों का निराकरण करता है बल्कि सदन में कुव्यवस्था उत्पन्न होने पर वह सदन की कार्यवाही को स्थगित भी कर सकता है। इस अंतिम निर्णय पर न तो कोई सवाल और चुनौती दिया जा सकता है और न ही आलोचना किया जा सकता है।

लोकसभा मैं कोई विधेयक या प्रकरण में संशोधन करने से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष की स्वीकृति अनिवार्य है। साथ ही लोकसभा के कार्यों से जुड़े प्रावधानों पर सदन के भीतर उसकी टिप्पणी एवं व्याख्या अंतिम रूप से बाध्यकारी भी है।

लोकसभा अध्यक्ष का यह दायित्व है कि वह सदन में सत्रों की सुगमता बनाए रखने एवं सदन के अनुशासन तथा मर्यादा को बनाए रखने में अपने भूमिका का निर्वहन करे।

किसी महत्वपूर्ण विधेयक पर जब राज्यसभा और लोकसभा के बीच समन्वय नहीं बन पा रहा हो तो ऐसे समय पर लोकसभा अध्यक्ष दोनों सदनों की संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता भी करता है। गौरतलब है कि संयुक्त अधिवेशन राष्ट्रपति के द्वारा बुलाई जाती है।

संयुक्त अधिवेशन के समय लोकसभा अध्यक्ष की अनुपस्थिति में लोकसभा उपाध्यक्ष अधिवेशन के संचालन करता है। और लोकसभा उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में राज्यसभा का उपसभापति के द्वारा इस प्रक्रिया को संपन्न कराई जाती है।

कोई विधेयक धन विधेयक (Money Bill) है या नहीं इसका निर्धारण भी लोकसभा अध्यक्ष ही करता है। साथ ही किसी भी विधेयक या निर्णय पर पक्ष एवं विपक्ष के मत बराबर होने की स्थिति में लोकसभा अध्यक्ष को अपना निर्णायक मत (Casting Vote) देने का अधिकार प्राप्त है।

लोकसभा अध्यक्ष सदन की कार्यवाही में न सिर्फ असंसदीय और अशिष्ट शब्दों को निकाले जाने का आदेश दे सकता है अपितु निम्न सदन में दर्शकों और मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर नियंत्रण भी कर सकता है।

गौरतलब है कि बिना लोकसभा अध्यक्ष के अनुमति का सदन में बोलना मना है ऐसा हठ करने पर उसे सदन से बाहर भी किया जा सकता है।

• लोकसभा अध्यक्ष का विशेष अधिकार
lok sabha ke adhyaksh ka adhikar


लोकसभा अध्यक्ष कार्य मंत्रणा समिति, नियम समिति तथा सामान्य प्रयोजन समिति का अध्यक्ष होने के साथ-साथ लोकसभा की सभी संसदीय समितियों के सभापति की नियुक्ति भी करता है। वह सदन की कुछ समितियों का पदेन सभापति भी होता है।

यह लोकसभा अध्यक्ष ही है जो संसद और राष्ट्रपति के बीच सारे पत्र व्यवहार का निर्गमन करता है। इस प्रकार देखा जाए तो वह लोकसभा तथा राष्ट्रपति के मध्य विचार विनिमय का एक सशक्त माध्यम है।

लोकसभा अध्यक्ष न सिर्फ लोकसभा के प्रत्येक सत्र की समाप्ति का भाषण देता है बल्कि लोक सभा के कार्यकाल समाप्ति होने पर विदाई भाषण भी देता है।

• लोकसभा उपाध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां
lok sabha upadhyaksh ki shaktiyan


लोकसभा उपाध्यक्ष सचिवालय बजट समिति का अध्यक्ष होता है। वह अध्यक्ष के अनुपस्थिति में सदन की कार्यवाही एवं दायित्व का निर्वहन करता है। यह याद रखने की बात है की उपाध्यक्ष अध्यक्ष के अधीन नहीं होता है,वह प्रत्यक्ष रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी होता है। साथ ही उपाध्यक्ष को एक विशेष अधिकार प्राप्त है कि उसे जब भी किसी संसदीय समिति का सदस्य बनाया जाता है तो वह स्वत: ही उस समिति का सभापति बन जाता है।

• तत्कालिक अध्यक्ष अथवा प्रोटेम स्पीकर
pro tem speaker in hindi


प्रोटेम लेटिन भाषा का एक शब्द है जो प्रो+ टेंपोर शब्द से बना हुआ है, जिसका साधारण से मतलब है ‘कुछ समय के लिए’। इस प्रकार प्रोटेम स्पीकर का कार्य स्थाई अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव होने तक संसद की कार्यवाही का संचालन एवं दायित्वों का निर्वहन करना है। प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित सांसदों को पद की शपथ दिलाता है। राष्ट्रपति लोक सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों में से ही सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करता है।

• लोकसभा अध्यक्ष सारांश
lok sabha adhyaksh notes


लोकसभा अध्यक्ष निम्न सदन का सर्वोच्च अधिकारी होता है जिसे सदन के सफलतापूर्वक कार्यवाही एवं सुचारू संचालन के लिए एक प्राधिकारी के तौर पर नियुक्त किया जाता है। लोकसभा अध्यक्ष को ही लोकसभा ‘लोकसभा स्पीकर’ भी कहा जाता है। यह लोकसभा सचिवालय के प्रमुख होने के साथ साथ सदन के भीतर संविधान के उपबंध और प्रक्रिया नियमों की अंतिम निर्णयकर्ता एवं व्याख्याकार भी होता है।

संविधान में लोकसभा अध्यक्ष को निम्न सदन की संसदीय शिष्टाचार एवं निष्पक्षता के साथ स्वस्थ कार्यवाही का नियमन एवं संचालन के लिए खास प्रावधान किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समान ही लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार प्राप्त है। लोकसभा अध्यक्ष भारतीय संसदीय ग्रुप का पदेन प्रेसिडेंट भी होता है।

लोकसभा अध्यक्ष सदनों की संयुक्त बैठक के साथ-साथ सदन का स्थगन, निर्णायक मत ,धन विधेयक का व्याख्याता, सदस्यों की अयोग्यता का निर्धारण, समितियों का गठन, विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव-संकल्पों, जैसे स्थगन प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव, Sensor Motion को लाने की स्वीकृति और Attention Notice भी देता है। यह लोकसभा अध्यक्ष का ही विशेषाधिकार है कि वह तय करें कि सदन की बैठक में क्या एजेंडा लिया जाना है।

• लोकसभा अध्यक्ष से संबंधित फैक्ट
lok sabhaadhyaksh facts


० लोकसभा अध्यक्ष का पद ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन के समान अपना स्थान रखता है।
० लोकसभा अध्यक्ष को पद सूची के वरीयता क्रम में छठा स्थान प्राप्त है।
० लोकसभा अध्यक्ष का नाम अंतिम रूप से चयनित होने के बाद उसे प्रधानमंत्री एवं विपक्ष के नेता, अध्यक्ष को आसन तक ले जाते हैं। तदुपरांत अध्यक्ष धन्यवाद भाषण के ज्ञापन बाद अपना कार्यभार का संचालन करते हैं।
० वर्ष 2004 के बाद से उपाध्यक्ष के पद को भरा नहीं गया है जो आज भी रिक्त है।
० मीरा कुमार देश की प्रथम महिला लोक सभा अध्यक्ष थी।
० भारत की दूसरी महिला लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन थी।
० भारत के पहले लोकसभा अध्यक्ष जी.वी.मावलंकर थे जिन्हें लोकसभा का जनक भी कहा जाता है।
० वर्तमान में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला हैं।
० नीलम संजीव रेड्डी पहले व्यक्ति थे जिन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त है।
० प्रथम भारतीय निर्वाचित लोकसभा अध्यक्ष विट्ठल भाई पटेल थे जिन्हें वर्ष 1925 में चुना गया था।

•लोकसभा अध्यक्ष से संबंधित प्रश्न gk Mcq
lok sabha adhyaksh upsc mcq


  • लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव की तारीख कौन तय करता है?
    राष्ट्रपति
  • लोकसभा अध्यक्ष की शपथ कौन दिलाता है?
    चूँकि लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा के निर्वाचित सदस्य होता है इसलिए लोकसभा अध्यक्ष का अलग से शपथ का कहीं वर्णन नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष की शपथ, सांसद अथवा लोकसभा के सदस्य के रूप में ही किया जाता है।
  • लोकसभा का डिप्टी स्पीकर कैसे चुना जाता है?
    लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद संबंधित पार्टी का अपने प्रथम बैठक में ही अपने सांसदों अथवा निर्वाचित हुए सदस्यों में से ही डिप्टी स्पीकर का चुनाव कर लिया जाता है।
  • संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कौन करता है ?
    लोकसभा अध्यक्ष
  • वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष कौन है ? Lok sabha adhyaksh kaun hai लोकसभा अध्यक्ष कौन हैं 2022
    ओम बिड़ला
  • लोकसभा अध्यक्ष का वेतन कितना है वर्तमान में ?
    4 लाख
  • सबसे लंबे समय तक लोकसभा अध्यक्ष का पद संभालने वाले नेता का नाम क्या है ?
    बलराम जाखड़
  • लोकसभा अध्यक्ष चुनाव कौन करता है?
    लोकसभा सदस्य
  • लोकसभा अध्यक्ष अपना त्यागपत्र किसे देता है?
    लोकसभा उपाध्यक्ष को
  • जब राष्ट्रपति अनु. 108 तहत संसद संयुक्त अधिवेशन आहूत करता तब उसकी अध्यक्षता कौन करता है?
    लोकसभा अध्यक्ष

दोस्तों आज के आर्टिकल में आपने लोकसभा उपाध्यक्ष को विस्तार से समझा साथ ही loksabha adhyaksh kaun hai,loksabha adhyaksh ka naam,loksabha adhyaksh in english,loksabha adhyaksh ka vetan
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