मिजोरम

मिजोरम : जिले से राज्य बनने तक का सफर

मिजोरम

 यद्यपि भारत में 1947 में आजादी हासिल कर ली थी, परंतु भारत के एकीकरण की लड़ाई अभी बाकी थी. यह कहानी ऐसे ही एक राज्य के बारे में है.

 मिजोरम : एक परिचय

 मिजोरम का मतलब है land of Mizo.यह उत्तर पूर्वी में स्थित एक landlocked राज्य है तथा seven sister States में से एक है. यह राज्य त्रिपुरा, मणिपुर और असम से अपना सीमा साझा करता है.

केंद्रशासित प्रदेश : 1972

 पूर्ण राज्य का दर्जा : 1987

 राजधानी : आइजोल

 गवर्नर – PS Shreedharan

 मुख्यमंत्री- Zoranthanga

State animal -Saza Serow

फूल – Senhri Red Vanda

Tree -Iron Wood

पक्षी – Hume’s Pheasant

MIZORAM Highest peak : blue mountain (2157 mtr)

 भाषा – Mizo, English etc

साक्षरता दर -91.58% ( भारत में तीसरा स्थान)

Area wise – 25th

वन -91%

जनजाति – 95% ( किसी राज्य मे सबसे ज्यादा जनजातियों की जनसंख्या घनत्व )

धर्म – 87% लोग ईसाई धर्म को मानते हैँ

 मिजोरम जनसंख्या के मामले में तीसरा सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य है.

 मिजोरम अंग्रेजी राज्य का हिस्सा कैसे बना?

 मीजो जनजातियों द्वारा 1871 में एक  scottish लड़की Mary Winchester जिसे जनजातियों द्वारा Zoluti कहा जाता था, का  अपहरण कर लिया गया, जिसे छुड़ाने के लिए अंग्रेजी सरकार ने सैन्य कार्रवाई की. और यहीं से मिजोरम पर अंग्रेजी सरकार की हुकूमत की शुरुआत हुई.

  आजादी के बाद की स्थिति

 मिजोरम स्वतंत्र राज्य बनने से पहले यह असम राज्य का एक जिला था. 1952 मे यहाँ Lushai hills government के नाम से एक Subsidiary गवर्नमेंट की स्थापना की गई.

 विद्रोह के मूल कारण

 मिजो जनजाति के लोग मैं म्यांमार ( तब बर्मा ) और मणिपुर में बटे हुए हैं. उनकी मांग थी कि या तो उन्हें बर्मा से  विलय करने दिया जाए या तो  फिर एक स्वतंत्र देश बना दिया जाए.

 उनका आरोप था कि असम सरकार के द्वारा उन पर सौतेला व्यवहार किया जाता है.

 विद्रोह का मुख्य कारण 1950 में “Mautam” नामक भयंकर अकाल के दौरान सरकार का उदासीन रवैया था . यह एक पारिस्थितिक घटना है जो पूर्वोत्तर भारत के मिज़ोरम और मणिपुर राज्यों में हर 48-50 साल में होती है और अकाल जैसी स्थिति पैदा करने की क्षमता रखती है। इनके अलावा म्यांमार के चिन राज्य के भी कुछ क्षेत्रों में यह तबाही फैलाता है। इसमें पहले चूहों की आबादी तेज़ी से बढ़ती है, जो फ़सलों को तबाह कर देती है।

 1960 मैं असम सरकार ने असमी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा दिया, जिससे स्थानीय लोगों पर संस्कृति तथा भाषा के लुप्त हो जाने का खतरा मंडराने लगा.

 इसी दौरान चकमा जनजातियों के लोगों को मिजोरम  में बसाया गया जिससे स्थानीय लोगों की नाराजगी और भी बढ़ गई.

 तात्कालिक कारण

 1962 में चीन तथा 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के कारण भारतीय सेना का सारा ध्यान इन देशों की सीमाओं पर था.

 1965 में भारतीय प्रधानमंत्री की मृत्यु हो जाने के कारण देश में राजनैतिक अस्थिरता का माहौल था

MNF के नेता Pu Laldenga को ईस्ट पाकिस्तानी सरकार ने military hardware तथा प्रशिक्षण मैं मदद देने का आश्वासन दिया था.

Mizo National Front (MNF) का जन्म

1959 मे “Mautam” अकाल से लड़ने के लिए ” Mautam Front” नामक एक सामाजिक संगठन की नींव रखी गई. जिसका नाम बदलकर बाद में Mizo National Front कर दी गई. 1961 में Laldenga की अध्यक्षता में MNF का पुनर्गठन किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य Mizo  जनजातियों को एक राजनीतिक क्षत्र पर लाकर अखंड मिजोरम की स्थापना करना था. और यहीं से एक बगावत जन्म लेती है जो करीब 2 दशकों तक चली.

 विद्रोह की शुरुआत

MNF ने अपने Armed Wing  का गठन किया जिसका नाम Mizo National Army था इसके करीब 2000 सदस्य थे. इसके सभी सदस्य Gorilla warfare मैं प्रशिक्षित थे.

MNF ने “Operation Jericho” को  launch किया. इसके अंतर्गत 28 Feb 1966 को,  संगठित रूप से विभिन्न सरकारी दफ्तरों तथा पुलिस और सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया. Telephone exchange मे   कब्ज़ा कर संचार के सभी माध्यमों को काट दिया गया.

 सरकारी अधिकारियों को बंधक बना लिया गया. आइजोल के Municipal administrator को  असम राइफल के मुख्यालय में शरण लेनी पड़ी.

 Aizawl  में कई सरकारी खजाने को लूटा गया तथा कारागारो  से कैदियों को रिहा कर दिया गया.  जिसके कारण  शहर मे लूटपाट तथा तोड़फोड़ जैसी घटनाएं बढ़ गई.

 इससे जिले में civil administration पूरी तरह लाचार हो गई.

01 Mar 1966 को MNF ने Aizawl के जिला मुख्यालय मे  कब्ज़ा  कर अपना झंडा लहराया तथा मिजोरम  को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया.

 विद्रोही ने कई  पुलिस तथा सैन्य ठिकानों को कब्ज़ा  कर हथियार तथा गोला बारूद चुरा लिया.

Assam राइफल मुख्यालय  ही एक  मात्र सैन्य ठिकाना  था जो विरोधियों की हाथ  से बचा हुआ था.

 सरकार के द्वारा उठाए गए कदम

 भारत सरकार ने defence of India Act के अंतर्गत MNF को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया.

1967 मे मिजोरम मे Armed forces special power act को लागू किया गया.

 Eastern Command के GOC Lt Gen Sam Manekshaw की अगुवाई मे Bihar regiment, 5 para regiment, Gorkha Rifles, 6 mountain division इत्यादि को तुरंत मिजोरम कुच  करने का आदेश दिया गया.

1972 मे मिजोरम को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया.

 भारतीय वायुसेना का योगदान

 मिजोरम के सुदूर इलाके में Assam राइफल तथा BSF के reinforcement के लिए वायुसेना के helicopters भेजे गए.

विद्रोहीयों को रोकने के लिए जोरहाट तथा कुंभी ग्राम से वायु सेना के लड़ाकू विमान भेजे गए.

 यह स्वतंत्र भारत की इतिहास में पहला मौका था जिसमें भारतीय वायुसेना ने अपने ही लोगों के ऊपर बम बारी की.

 इस दिन को मिजोरम के लोग आज भी “Zoram Ni” के रूप में याद करते हैं

 सैनिक कार्रवाई के दौरान उपयोग की गई खास तकनीक

 विद्रोहियों द्वारा भारतीय सेना पर हमला कर स्थानीय लोगों के बीच छुप जाने की तकनीक उपयोग की जाती थी. इससे निपटने के लिए भारतीय सेना ने जनवरी 1967 में ” grouping policy”  की शुरुआत की गई. इस नीति में सुदूर  तथा दूरवर्ती गांव में बसें लोगों को highway मैं बसें ठिकानो पर प्रस्थापित किया जाता था. ये ठिकाने सैनिक निगरानी में रहती थी. पीछे छूटे वीरान ओर उजड़े गावों तथा फसलो को बर्बाद कर दिया जाता था.यह नीति विद्रोहीयों को अलग थलग करने तथा उनके  supply chain  को काटने मे कारगर सिद्ध हुई.

1968 मे  Amnesty offer  चलाई गई जिसमे कई विद्रोहियों ने आत्म समर्पण किया.

हालांकि इन सबसे उन्हें पूरी तरह दबाया नहीं जा सका. कुछ भूमिगत हो गए ओर कइयों ने पडोसी देशों मे शरण ली.

शांति के लिए किये गए प्रयास

1968 मे स्थानीय चर्च की अगुवाई मे कई समिति बनाई गई जिसने शांति के लिए मध्यस्थता की.

1974 मे किये गए कई प्रयास असफल सिद्ध हुए

1984 मे शांति की बात आगे बढ़ी पर तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या के कारण इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया

 अंत में 1986 मे कई प्रयासों के बाद  एक शांति समझौता sign  की गयी .जिसे Mizo Peace accord के नाम से जाना जाता है.

 Mizo peace Accord

 यहां शांति समझौता भारत सरकार, मिजोरम सरकार तथा MNF के बीच हुई, इस समझौते के अनुसार MNF ने अपने शस्त्र त्याग दिए और स्वतंत्र होने की मांग छोड़ दी. जिसके फलस्वरुप

 मिजोरम 1987 मे 23rd राज्य के रूप में उभरा.

MNF के अध्यक्ष Pu Laldenga को मिजोरम  का मुख्यमंत्री बनाया गया .

 Guwahati High Court की एक बेंच  को आइजोल में shift किया गया.

2001 मे Mizoram University बनाई गयी.

Inner line permit को जारी रखा गया.

मिजोरम को संविधान के 5th schedule मे शामिल किया गया.

इसी उपलक्ष मे 30 जून को “Renna Ni” मतलब “Peace Day” के रूप मे मनाया जाता है.

Mizo Peace Accord  भारत सरकार की   सबसे सफल शांति समझौता मानी  जाती  है. आज मिजोरम तेजी से विकास करने वाले राज्यों मे से  एक माना जाता है. यहाँ पर्यटन, ऊर्जा के नवीन श्रोतो, लघु उद्योग जैसे  असंख्य scope हैँ. यह राज्य भारत के अंतरीक्ष का एक उभरता सितारा  है तथा विविधताओ  मे एकता का एक अविस्मरणीय उदाहरण है.

मिजोरम QNA

1. मिजोरम कब बना?

  • 20 फरवरी, 1987 को मिजोरम भारत का 23वां राज्य बना

2. मिजोरम की राजभाषा क्या है?

  •  Official Language of Mizoram मिजोरम की राजभाषा  – मिजो है |

3. मिजोरम की साक्षरता दर कितनी है ?

  • 91.58% ( भारत में तीसरा स्थान)

4. आइजोल किसकी राजधानी है?

  • आइजोल मिज़ोरम राज्य की राजधानी है

5. मिजो समस्या क्या है?

Mizo National Front भारत-सरकार के मिज़ोरम के प्रति ग़ैर-संवेदनशील प्रशासन से परेशान होकर एक अलगाववादी अभियान आरम्भ किया था। जिससे मिज़ो समाज हिंसा के दौर से गुज़र रहा था  बाद में Mizo National Front ने  सरकार से समझौता किया और MFN ने भारतीय संविधान के तहत कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई और हिंसा का मार्ग छोड़ दिया.

अन्य GK जानकारी पढ़े .

1857 ki kranti

1857 की क्रांति (1857 revolt)

BHARAT KI PRAMUKH JANJATIYA

भारत की प्रमुख जनजातियाँ(bharat ki pramukh janjatiya)

गंगा नदी तंत्र THE GANGA RIVER SYSTEM

गंगा नदी तंत्र (The Ganga River System)

आप हमे फेसबुक के THE GKJANKARI पेज पर फॉलो कर सकते हैं | twitter – GKJANKARI

Related Posts

One thought on “मिजोरम : जिले से राज्य बनने तक का सफर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
HAPPY BIRTHDAY प्रियदर्शिनी GK FACT – National Unity Day क्यों मनाया जाता है ऋषि सुनक का जीवन परिचय सूर्य ग्रहण क्यों होता है Abdul Kalam Quotes