राष्ट्रीय आपातकाल

राष्ट्रीय आपातकाल ( National Emergency)से संबंधित TOP 20 GK FACTS

राष्ट्रीय आपातकाल ( National Emergency IN HINDI)

1). भारत के संविधान में आपातकाल की प्रेरणा व संकल्पना जर्मनी के संविधान से लिया गया है जो कि संविधान के भाग-18 में अनुच्छेद 352 से लेकर अनुच्छेद 360 तक वर्णित है।

2). संविधान में तीन प्रकार के आपात  (Emergency) का वर्णन किया गया है जो क्रमशः राष्ट्रीय आपातकाल, राष्ट्रपति शासन एवं वित्तिय आपातकाल के नाम से जाना जाता है।

    i)  राष्ट्रीय आपात  : अनुच्छेद 352 के तहत

    ii) राष्ट्रपति शासन : अनुच्छेद 356 के तहत

    iii) वित्तिय आपात : अनुच्छेद 360 के तहत

3). अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपात ( National Emergency) की उद्घोषणा केंद्रीय मंत्रिमंडल की लिखित सूचना के उपरांत राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

4). अभी तक देश में क्रमशः वर्ष 1962, 1971 व 1975 में कुल तीन बार राष्ट्रीय आपातकाल काल  की घोषणा की जा चुकी है।

4). राष्ट्रीय आपातकाल काल  घोषित करने का मुख्य कारण राष्ट्रपति का यह आभास हो जाना कि निकट भविष्य या वर्तमान समय में देश के एक हिस्से या समूचे देश में कहीं बाहरी आक्रमण, युद्ध या सशस्त्र विद्रोह जैसी स्थितियाँ उत्पन्न होने से देश की प्रभुता, एकता और अखंडता खतरा में है।

5). 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि आपातकाल  की उद्घोषणा समूचे भारत या उसके किसी एक हिस्से के सम्बंध में किया जा सकता है।

6). 44वें संविधान संशोधन अधिनियम 1978 द्वारा ‘आंतरिक अशांति’ शब्द के स्थान पर ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द को प्रतिस्थापित किया गया जिसका मुख्य कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आंतरिक अशांति के नाम पर लगाया गया राष्ट्रीय आपातकाल  था

7). 26 अक्टूबर 1962 को भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ• सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नेतृत्व में प्रथम राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की गई थी जिसका मुख्य कारण चीन द्वारा बाह्य आक्रमण था। कुल 5 साल 2 महीने और 14 दिन तक चलने वाला एक लंबा आपातकाल  था जिसे 10 जनवरी 1968 को वापस लिया गया। इस समय देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे।

9). 3 दिसम्बर 1971 को भूतपूर्व राष्ट्रपति वी. वी. गिरी के नेतृत्व में द्वितीय राष्ट्रीय आपातकाल  की घोषणा की गई थी जिसका मुख्य कारण पाकिस्तान द्वारा बाह्य आक्रमण था। द्वितीय राष्ट्रीय आपातकाल  के दौरान ही तृतीय राष्ट्रीय आपातकाल  की उद्घोषणा हो गई थी जिसे मार्च 1977 में वापस ले ली गई।

10). देश में तीसरे और अंतिम राष्ट्रीय आपातकाल  की उद्घोषणा इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति के नाम पर बिना मंत्रिमंडल के परामर्श पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से करवाया था।

11). ज्ञातव्य है कि जहाँ राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल  की उद्घोषणा के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की लिखित सूचना अनिवार्य है वहीं इसे वापस लेने के लिए मंत्रिमंडल की लिखित सूचना आवश्यक नहीं।

12). राष्ट्रीय आपातकाल  के सम्बंध में राष्ट्रपति द्वारा की गई प्रत्येक उद्घोषणा को 30 दिनों के अंदर  दोनों सदनों यथा राज्य सभा और लोकसभा द्वारा विशेष बहुमत से पारित होना चाहिए। एक महीने के भीतर उद्घोषणा अनुमोदित नहीं होने पर यह स्वतः समाप्त हो जाती है।

13). राष्ट्रीय आपातकाल  की उद्घोषणा की अवधि  एक सदन के अनुमोदन के बाद से दूसरे सदन द्वारा पारित होने की तारीख़ से 6 महीने तक प्रवर्तन में रहती है। पुनः 6 महीने और आगे जारी रखने के लिए इसे पुनः दोनों सदनों से अनुमोदन अनिवार्य है।

14). राष्ट्रपति के साथ-साथ लोकसभा को भी आपातकाल  उद्घोषणा को वापस कराने का अधिकार दिया गया है यदि वह संकल्प लोकसभा द्वारा साधारण बहुमत से पारित कर दी जाती हो।

15). राष्ट्रीय आपातकाल  की उद्घोषणा के उपरांत राज्यों की कार्यपालिका शक्ति केंद्रीय कार्यपालिका के अधीन हो जाती है जिससे केन्द्र को राजयसूची के किसी भी विषय पर कानून बनाने का स्वतः अधिकार मिल जाता है।

16). राष्ट्रीय आपात के दौरान संविधान द्वारा प्रदान की गई मूल अधिकारों (Fundamental Rights) का निलंबन हो जाता है।

अगर यह आपातकाल बाह्य आक्रमण के आधार पर लगाया जाता है तो अनुच्छेद-19 अर्थात स्वतंत्रता का अधिकार निलंबित हो जाता है। वही अगर आपातकाल  सशस्त्र विद्रोह के आधार पर लगाया जाता है तो अनुच्छेद-19 अर्थात स्वतंत्रता का अधिकार निलंबित नहीं होता।

17). राष्ट्रीय आपात  के दौरान भी दो प्रकार के मौलिक अधिकार क्रमशः अनुच्छेद 20 ( अपराधों के लिए दोषसिद्धि के सम्बंध में संरक्षण का अधिकार) व अनुच्छेद 21(जीवन जीने का अधिकार) का निलंबन नहीं किया जा सकता है।

18). अनुच्छेद-83 के तहत यह संसद को अधिकार दिया गया है कि जब राष्ट्रीय आपात प्रवर्तन में हो तो बिना चुनाव किए लोकसभा के कार्यकाल को एक साल की अवधि के लिए और बढ़ाया जा सकता है। किंतु यदि राष्ट्रीय आपातकाल  की उद्घोषणा प्रवर्तन में न हो तो यह कार्यकाल 6 महीने से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता।

19). राष्ट्रीय आपातकाल  लागू रहने के दौरान किसी उक्त राज्य में अगर निर्वाचन आयोग यह संज्ञान जारी कर दे कि चुनाव की प्रक्रिया सम्पन्न करने में असुविधा के कारण उस राज्य में ‘राष्ट्रपति शासन’

लागू करना अनिवार्य है, तो संसद उस राज्य में 1 साल से लेकर अधिकतम 3 साल तक ‘राष्ट्रपति शासन’ की संकल्प पारित कर सकती है।

20). अनुच्छेद-358 के तहत आपातकाल  काल के दौरान संसद द्वारा बनाई गई विधियों जैसे कि ‘मूल अधिकारों का स्वतः निलंबन’ को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है।

● आपातकाल काल से सम्बंधित प्रश्न

प्रश्न : वित्तिय आपातकाल  कौन से अनुच्छेद में है ?

उतर : अनुच्छेद 360 के तहत वित्तिय आपातकाल  को परिभाषित किया गया है।

प्रश्न : राष्ट्रीय आपातकाल  कौन से अनुच्छेद में है ?

उतर : अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल  को परिभाषित किया गया है।

प्रश्न : भारतीय संविधान के कौन से अनुच्छेद आपातकाल कालीन प्रावधानों से सम्बंधित है ?

उतर : अनुच्छेद 352 से लेकर अनुच्छेद 360 तक आपातकाल कालीन प्रावधानों से सम्बंधित है।

प्रश्न : आपातकाल  उपबन्ध कहाँ से लिया गया है ?

उतर : आपातकाल  उपबन्ध जर्मनी के संविधान से लिया गया है।

प्रश्न : आपातकाल काल कितने प्रकार के होते हैं ?

उतर : भारतीय संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल काल को प्रावधान किया गया है।

प्रश्न : आपातकाल  कौन घोषित करता है?

उतर : मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश के उपरांत राष्ट्रीय आपातकाल  की घोषणा राष्ट्रपति करता है।

प्रश्न : कौन सा आपातकाल कालीन प्रावधान भारत में लागू नहीं किया गया है ?

उतर : वित्तिय आपातकाल काल अभी तक भारत में लागू नहीं किया गया है।

प्रश्न : राष्ट्रपति को कितने प्रकार के आपातकाल काल की घोषणा के अधिकार हैं ?

उतर : राष्ट्रपति को तीन प्रकार के आपातकाल काल की घोषणा के अधिकार हैं – राष्ट्रीय आपातकाल , राष्ट्रपति शासन व वित्तिय आपातकाल

प्रश्न : राष्ट्रीय आपातकाल  कितनी बार लगा है?

उतर : राष्ट्रीय आपातकाल  अभी तक तीन बार लगा है- वर्ष 1962, वर्ष 1971 एवं वर्ष 1975 में

प्रश्न : आपातकाल काल के उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों से कितने दिनों के अंदर अनुमोदित होना चाहिए ?

उतर : आपातकाल काल के उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों से 30 दिनों के अंदर अनुमोदित होना चाहिए

आज के आर्टिकल में आप सभी को आपातकाल काल क्या है, राष्ट्रीय आपातकाल  352 क्या है, राष्ट्रीय आपातकाल  कितने प्रकार के होते हैं, आपातकाल काल की घोषणा कौन करता है, अभी तक कितने बार राष्ट्रीय आपातकाल  की घोषणा हुई जैसे महत्वपूर्ण Important Facts को कवर किया गया है। हमें उम्मीद है कि राष्ट्रीय आपातकाल काल,इसके प्रकार और अनुच्छेद 352 से सम्बंधित तथ्यों को आपने बड़ी बारीकी से समझा होगा। आर्टिकल कैसा लगा अपना सुझाव व कमेंट जरूर करें। अपने दोस्तों के बीच इस आर्टिकल को शेयर करना न भूलें।

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